55 घंटे से दबे किसान को निकालने में बांधा बनी बालू, देखें कैसे चल रहा है रेस्क्यू
- By Habib --
- Tuesday, 24 May, 2022
हिसार। हरियाणा के हिसार जिले के गांव स्याहड़वा में कुएं में मिट्टी के नीचे दबे किसान जयपाल हुड्डा (Jaipal Hooda) को निकालने में सेना और एनडीआरएफ को अभी सफलता नहीं मिली है। किसान को दबे हुए 55 घंटे का समय हो चुका है। मिट्टी के नीचे से वह जीवित निकलेगा, इसकी उम्मीदें अब क्षीण होती जा रही हैं। परिवार के सदस्यों में भी मातम पसरा है। जयपाल की पत्नी सावित्री की आंखों के सामने पूरी घटना हुई है। तीसरे दिन भी पति का सुराग न लगता देख, वह बार बार रो पड़ती है।
सोमवार रात को आंधी-बरसात की वजह से सेना और एनडीआरएफ का अभियान तेजी नहीं पकड़ पाया। रात को मिट्टी हटाने का कोई काम नहीं हो पाया। अब मंगलवार सुबह शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन में दोपहर होते होते तेजी आ गई है। बचाव दल के जवान यहां कुएं के चारों ओर पोकलेन मशीनों से मिट्टी हटाने में जुटे हैं। यहां रेतीली चट्टान है, जहां से मिट्टी कुएं में गिरने का भय बना रहता है। करीब 25 फुट तक कुंआ ईंटों से पक्का किया हुआ है, लेकिन इसके बाद मिट्टी की दीवार है। अब मिट्टी हटाकर कुएं को चारों ओर से समतल करने का प्रयास किया जाएगा।
सुबह शुरू हुआ राहत कार्य
बता दें कि गांव स्याहड़वा में कुएं में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन शाम को 7 बजे मिट्टी गिरने के बाद बंद कर दिया था। रात को 9 बजे मिट्टी हटाने का काम शुरू हुआ, लेकिन मौसम खराब हो गया और आंधी के साथ बरसात भी शुरू हुई तो राहत कार्य सही ढंग से नहीं चल पाया। मंगलवार सुबह 6 बजे से ही मिट्टी हटाने का कार्य शुरू हो पाया। मंगलवार को भी मौसम राहत कार्य में रोडा न बन जाए, इसको देखते हुए सेना और एनडीआरएफ जल्दी से नीचे फंसे किसान को निकालने का प्रयास कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि उनका प्रयास है कि आज ऑपरेशन पूरा हो जाए।
परिवारों में मातम
किसान जयपाल हुड्डा (Jaipal Hooda) को कुएं में फंसे हुए करीब 55 घंटे हो गए हैं। उनके परिवार का भी रो रो कर भी बुरा हाल है। वहीं 21 घंटे के बाद कुएं से निकाले गए मजदूर जगदीश फौजी का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। जयल के परिवार मे पत्नी सावित्री के अलावा बेटा-बेटी हैं। बेटी की शादी हो चुकी है, बेटा अभी पड़ रहा है। वहीं जगदीश की पत्नी की मौत हो चुकी है। परिवार में केवल एक बेटी है, जिसकी शादी की जा चुकी है।